Madame Web Marvel Movie Review in Hindi 16 Feb 2024 : वर्तमान समय में बहुत से लोग बॉलीवुड से बोर होकर मार्वल की फिल्में देखना पसंद करते हैं, मार्वल कॉमिक्स के किरदारों पर फिल्में बनते बनते दो दशक से ज्यादा समय बीत चुका है। ‘एवेंजर्स एंडगेम’ के पहले तक इन फिल्मों को लेकर एक ऐसा उत्साह हुआ करता था, जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। एक अलग ही तरह का मौहाल, एक सकारात्मक जोश और एक ऐसा उत्साह इन फिल्मों को लेकर पूरी दुनिया में रहा है,
जैसा किसी दूसरी फ्रेंचाइजी की फिल्मों को लेकर नहीं दिखा। ये एक अलग दुनिया की कहानी है, जिसका नाम पड़ा, मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स यानी एमसीयू। फिर, केविन फाइगी को एमसीयू में महिला किरदारों को महत्व देने का जोश जगा। लोगों ने शुरू में इसका स्वागत भी किया लेकिन जैसा कि कहा जाता है, अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप, वैसा ही कुछ इन दिनों एमसीयू में हो रहा है। इस दुनिया का एक अहम किरदार रहा है, स्पाइडरमैन। फिल्म ‘मैडम वेब’ इसी स्पाइडरमैन यानी कि पीटर पार्कर के जन्म से पहले की एक नई महिला सुपरहीरो की कहानी है ।
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Madame Web Marvel Movie Review in Hindi 16 Feb 2024 : आखिर क्या है इस फिल्म की कहानी..
डकाटो जॉनसन अभिनीत फिल्म ‘मैडम वेब’ वहां खत्म होती है जहां पीटर पार्कर का जन्म हुआ है, लेकिन उसके पहले की कहानी में कुछ खास नहीं है। तीन भविष्य की स्पाइडरवीमन के वर्तमान की इस कहानी में ‘मैडम वेब’ को भी अपनी शक्तियों का एहसास होता है।
कोई आधा दर्जन लोगों ने मिलकर फिल्म की कहानी और पटकथा लिखी है और इसके बावजूद दो घंटे से भी कम अवधि की ये फिल्म काफी बोझिल नजर आती है। एमसीयू के नियमित दर्शकों को ये कुछ खास उत्साहित करने मे विफल रहती है। मौजूदा मल्टीवर्स में आगे जाकर ये कहानी कहां जुड़ेगी, इसका कोई संकेत भी फिल्म के पोस्ट क्रेडिट सीन्स में नहीं है। फिल्म में दरअसल ऐसा कोई सीन है भी नहीं। कहानी बिखरी हुई है, पटकथा कमजोर है और इसके संवाद भी बहुत दमदार नहीं लिखे गए हैं ।
माहौल बनाने में विफल रही ‘मैडम वेब’
कथा पटकथा में कमजोर रही फिल्म ‘मैडम वेब’ का निर्देशन जिन एस जे क्लार्कसन ने किया है, वह अब तक करीब 30 टीवी और वेब सीरीज का निर्देशन कर चुकी हैं। ‘एनॉटॉमी ऑफ ए स्कैंडल’ उनकी पिछले साल रिलीज हुई नवीनतम सीरीज है। फिल्म का निर्देशन वह पहली बार कर रही हैं और पूरी फिल्म किसी टीवी सीरीज जैसी ही नजर आती है।
मसलन फिल्म के एक्शन सीन्स की शूटिंग। इन सीन्स की शूटिंग करते समय कैमरा अधिकतर किरदारों और वाहनों को टाइट फ्रेम में ही बनाए रखता है, शहर के बीच होते चेज सीक्वेंस में भी ये दृश्य शहर के वातावरण को स्थापित करने में विफल रहते हैं। कहानी जिस माहौल में घट रही है, उससे उस माहौल के बाकी लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव से भी फिल्म पूरे समय विरत रहती है। एस जे जॉनसन एमसीयू की महिला निर्देशकों की नई कड़ी हैं, लेकिन उनकी ये फिल्म एमसीयू की बेहद कमजोर कड़ी भी है ।
मैडम वेब’ के कलाकारों में सबसे प्रभावी अभिनय डकोटा जॉनसन का है। अपने किरदार के अलग अलग भावों को प्रदर्शित करने में वह सफल भी रही हैं। उनके साथ मौजूद सिडनी स्वीनी, सेलेस्ट ओ कोनर और इसाबेला मरसेड की तिकड़ी के साथ उनकी बॉन्डिंग भी अच्छे से बनती दिखती है लेकिन इन चारों के बीच बनने वाला भावनात्मक रिश्ता ठीक से स्थापित करने से फिल्म की निर्देशक जॉनसन चूक जाती हैं।
विलेन के विलेन एजेकील सिम्स किरदार कर रहे ताहर रहीम पूरी तरह निष्प्रभावी रहे। एमसीयू के खलनायकों का एक अलग ही आभामंडल रहा है। उनकी शख्सीयत को विकसित करने का जो प्रयास बाकी फिल्मों में होता रहा है, वैसा कोई प्रयास इस फिल्म में नहीं दिखता। इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि ये किरदार इसी फिल्म भर के लिए है। फिल्म ‘मैडम वेब’ में कई पुराने गानों का प्रयोग है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक, सिनेमैटोग्राफी और संपादन बस औसत ही है। अच्छी बात ये है कि अगर ये फिल्म एमसीयू का कोई प्रशंसक न भी देखे तो भी वह कुछ खास इस यूनिवर्स का खोता नहीं है।
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