Tests & Screenings During Pregnancy Know 2024 : गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपना विशेष खयाल रखने की जरूरत होती है. समय-समय पर उन्हें कई हेल्थ चेकअप कराने चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे की ग्रोथ पर भी नजर रखी जा सके. और सभी प्रकार की बीमारियों से बचा जा सके ।
Common Tests During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से बदलाव होते हैं, जिनकी मॉनिटरिंग करना बहुत जरूरी होता है. डिलीवरी से पहले सभी गर्भवती महिलाओं को जरूरी टेस्ट और स्क्रीनिंग करवा लेनी चाहिए, ताकि गंभीर बीमारियों से बचा जा सके. प्रसव से पहले सही जांच और अच्छी डाइट गर्भवती महिलाओं में पोस्ट-पार्टम हेमरेज जैसी गंभीर स्थिति को रोक सकते हैं. भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं.
यह समस्या कई बार गर्भवती महिलाओं के लिए जान का खतरा बन जाती है. ऐसे में सही जांच और इलाज कराना बेहद जरूरी है. आज डॉक्टर्स से जानेंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कौन से जरूरी टेस्ट करवा लेने चाहिए और कैसी डाइट लेनी चाहिए.
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Tests & Screenings During Pregnancy Know 2024 : प्रेग्नेंसी में कौन से चेकअप करवाने चाहिए?
ग्रेटर नोएडा में फोर्टिस हॉस्पिटल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एडिशनल डायरेक्टर डॉ. सोनाली गुप्ता के मुताबिक प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड सबसे अहम टेस्ट माने जाते हैं. ब्लड टेस्ट में कंप्लीट ब्लड काउंट और वायरल मार्कर शामिल होते हैं, जिसमें हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी और थायराइड की जांच की जाती है. इसके अलावा पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान कम से कम दो बार महिलाओं को ग्लूकोस चैलेंज से गुजरना होता है. इसमें गर्भवती महिलाओं को 75 ग्राम ग्लूकोस पिलाकर 2 घंटे बाद ब्लड का सैंपल लिया जाता है.
Tests & Screenings During Pregnancy Know 2024 : यह टेस्ट महिला में डायबिटीज है या नहीं, यह निर्धारित करने में सहायक होता है. ब्लड और शुगर टेस्ट के अलावा अल्ट्रासाउंड बहुत जरूरी होता है. इसमें मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल की जाती है. आमतौर पर पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान बिना किसी जटिलता के लेवल 1, लेवल 2 और लेवल 3 के जरिए तीन बार अल्ट्रासाउंड किया जाता है.
डॉक्टर. सोनाली गुप्ता कहती हैं कि पहले चरण का अल्ट्रासाउंड 11 से 13 हफ्तों की प्रेग्नेंसी पर होता है, जिसमें बच्चे की ग्रोथ पता चलती है. इस दौरान डॉक्टर बच्चे की ग्रोथ, प्लेसेंटा की लोकेशन और एमनियोटिक फ्लूड मात्रा चेक करते हैं. लेवल 2 का अल्ट्रासाउंड 19 से 20 हफ्तों के बीच होता है. दूसरे चरण के अल्ट्रासाउंड में बच्चे की ग्रोथ में कोई कॉम्प्लिकेशन है या नहीं, इसका पता लगाते हैं. लेवल 3 का अल्ट्रासाउंड 32 हफ्ते के आसपास होता है.
तीसरे चरण के अल्ट्रासाउंड के समय तक बच्चे के सभी ऑर्गन बन जाते हैं और डॉक्टर टेस्ट के दौरान एनाटोमिक स्ट्रक्चर की किसी भी जटिलता को चेक करते हैं. इसके अलावा ब्लड टेस्ट डॉक्टर पेशेंट की कंडीशन के हिसाब से समय-समय पर करते रहते हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान रेनबो डाइट लेना जरूरी ,
ग्रेटर नोएडा में फोर्टिस हॉस्पिटल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एडिशनल डायरेक्टर डॉ. राखी गुप्ता के अनुसार गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चे को जोखिम से बचाने के लिए डॉक्टर रेनबो डाइट लेने की सलाह देते हैं. इस डाइट में हर रंग का खाना शामिल होता है और इसे संतुलित आहार माना जाता है.
चना, गुड़, साग, सब्जियां और मौसमी फल महिलाओं में पोषण को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं. गर्भावस्था के दौरान सही डाइट न लेने से मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है. प्रेग्नेंट महिलाओं को डिलीवरी से पहले सभी तरह की जांच करवा लेनी चाहिए, ताकि वक्त रहते बीमारियों का पता चल सके और उसका सही समय पर इलाज किया जा सके.
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