Which one is better for you diffrence between active and passive investment : क्या है आखिर एक्टिव और पैसिव इन्वेस्टमेंट जानते हैं इन दोनों में कौन सा है बेस्ट?

Which one is better for you diffrence between active and passive investment : निवेश करते समय दो ऑप्शन हमारे सामने आते हैं एक एक्टिव इन्वेस्टमेंट और दूसरा है पैसिव इन्वेस्टमेंट | दोनों ही इन्वेस्टमेंट अलग-अलग है और अगर आप भी इन्वेस्टमेंट करने का सोच रहे हैं तो हम आपको पहले बता दें कि एक्टिव और पैसिव इन्वेस्टमेंट होती क्या है इन दोनों के बीच अंतर क्या है और भविष्य मे क्या क्या जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है? यह सब जान लेते हैं-

Which one is better for you diffrence between active and passive investment

Which one is better for you diffrence between active and passive investment : एक्टिव इन्वेस्टमेंट:

Which one is better for you diffrence between active and passive investment : एक्टिव इन्वेस्टमेंट में बेंचमार्क को पीछे छोड़ने पर जोर दिया जाता है इसके लिए निवेशक काफी रिसर्च करता है और ज्यादा से ज्यादा रिस्क लेता है इसे ऐसे समझिए कि अगर किसी निवेशक को बेहतर स्टॉक मिल रहा है तो भी वह ऐसे स्टॉक को सेलेक्ट करता है जिसमें ज्यादा रिटर्न मिलने की क्षमता हो और संभावना भी हो जबकि इसमें जब निवेशक निवेश करता है तो उन्हें शहरों को ट्रैक या मॉनिटर करना होता है इससे आपका फाइनेंशियल पोर्टफोलियो में भी फेर बदल होता रहता है|

Which one is better for you diffrence between active and passive investment

Which one is better for you diffrence between active and passive investment : पैसिव इन्वेस्टमेंट:

इन्वेस्टमेंट एक्टिव इन्वेस्टमेंट से बिल्कुल विपरीत दिशा में होता है इसमें किसी की कोई भूमिका नहीं होती है इसमें बेंचमार्क जैसे रिटर्न होता है इसमें एक्टिव इन्वेस्टमेंट से काम ही रिस्क होता है कम रिस्क होता है|

Which one is better for you diffrence between active and passive investment

Which one is better for you diffrence between active and passive investment : दोनों के बीच का अंतर….

एक्टिव इन्वेस्टमेंट में आपको मार्केट इंडेक्स को पीछे छोड़ना होता है वही पैसिव इन्वेस्टमेंट में बाजार में आई तेजी से निवेशकों को मुनाफा होता है|

एक्टिव इन्वेस्टमेंट में आपको शेयर की खरीद और बिक्री के फैसले जल्दी लेने पड़ते हैं| जबकि पैसिव में निवेश की फैसले लेने के लिए काफी समय होता है|

एक्टिव इन्वेस्टमेंट में ट्रांजैक्शन की संख्या पैसिव के मुकाबले काफी ज्यादा होती है और रिसर्च रिलेटेड कास्ट भी ज्यादा होती है|

एक्टिव इन्वेस्टमेंट में कैपिटल टैक्स भी शामिल होता है इसकी वजह है ज्यादा ट्रांजैक्शन की संख्या और पैसिव इन्वेस्टमेंट में कैपिटल टैक्स कम होता है|

एक्टिव इन्वेस्टमेंट में काफी रिस्क होता है पैसिव इन्वेस्टमेंट में आपको बेंचमार्क जितना ही रिटर्न मिलता है|

हाल ही में निवेश के साधन के तौर पर म्युचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हुआ है लोग बेहतर रिटर्न की चाहत में म्युचुअल फंड का रास्ता चुन लेते हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा हालांकि इसमें भी लोगों के सामने कई प्रकार के कन्फ्यूजन आए हैं लेकिन लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि उन्हें किस तरह के म्युचुअल फंड में पैसा डालना चाहिए|**

म्युचुअल फंड मार्केट में इन्वेस्ट करने के पसंदीदा साधन बनकर उभरे हैं अपनी बचत पर अच्छा रिटर्न पाने के लिए लोग इनका रुख करते हैं|

इस दुनिया में कुछ भी मुफ्त में नहीं है एक्टिव और पैसिव दोनों फंड आपका फंड के प्रबंधन के लिए कुछ एक्सपेंस ratio लेते हैं इसीलिए एक्टिव फंड का एक्सपेंसिव ratio अधिक सेबी की म्युचुअल फंड नियमों के अनुसार एक एक्टिव रूप से प्रबंध फंड 2.25% से अधिक का रेशियो चार्ज नहीं कर सकता इसलिए वह काम एक्सपेंस ratio चार्ज करता है|

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